आपणै तो देव गुरु धर्म
लय : मेघो छोटो सो
रचियता : साध्वी राजीमतीजी
आपणै तो देव गुरु धर्म रो आधार ।
करसी तीर्थंकर भव स्यूं पार, वन्दन वन्दन है ।।
1. रिषभ, अजित, सम्भव स्वामी ।
प्यारा अभिनंदन जगत्राण, वन्दन वन्दन है ।।
2. सुमति, पदम, सुपार्स, चन्दा ।
सुविधि, शीतल, श्रेयांस जग भाण, वन्दन वन्दन है ।।
3. वासुपुज्य श्री-विमल, अनन्त ।
धर्म, शान्ति, कुंथु भगवान, वन्दन वन्दन है ।।
4. अर, मल्लि, श्री मुनिसुव्रत ।
नमि, नेमिनाथ गुणवान, वन्दन वन्दन है ।।
5. ॐ पार्श्वनाथ, महावीरप्रभु ।
करस्यां प्रतिदिन निर्मल ध्यान, वन्दन वन्दन है ।।
6. सांवरिया स्वामीजी म्हांनै पार करसी ।
गुरुवर तुलसी रो संघ महान, वन्दन वन्दन है ।
महाश्रमणजी से संघ महान, वन्दन वन्दन है ।।
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