गौतम गणधर बड़े महान
लय - रघुपति राघव राजाराम
रचयित्री - साध्वी श्री राजीमतीजी
गौतम गणधर बड़े महान,
रिद्धि - सिद्धि का देते दान l
मिलता सच्चा आत्मिक ज्ञान l l
1. महावीर के शिष्य बड़े,
करते घंटो ध्यान खड़े l
बिना सहारे शिखर चढ़े,
बन गये ज्ञानी बिना पढ़े l l
2. गौतम जप से मिटते रोग,
टलते भूत - प्रेत के योग ।
मन - वांछित सब मिलते भोग,
कटते दृष्ट कर्म - संयोग l l
3. पृथ्वी मां वसुभूति विलास,
वर्ष पचास रहे गृहवास ।
तीस वर्ष तक प्रभु के पास,
द्वादश केवल - ज्ञान प्रकाश l l
4. थी अक्षीणलब्धि विख्यात,
गौतम के कर में साक्षात ।
नहीं खूटते घृत मधुभात,
जो जपता गौतम को प्रात l l
October 28,2022 / 9:26 PM
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