महावीर प्रभु के चरणों में
लय : दया दान का डंका
रचयिता : आचार्य श्री तुलसी
महावीर प्रभु के चरणों में, श्रद्धा के कुसुम चढ़ाएं हम ।
उनके आदर्शों को अपना, जीवन की ज्योति जगाएं हम ।।
1. तप संयममय शुभ साधन से, आराध्य-चरण आराधन से ।
बन मुक्त विकारों से सहसा, अब गीत विजय के गाएं हम ।।
2. दृढ़ निष्ठा नियम निभाने में, हो प्राण बलि प्राण पाने में ।
मजबूत मनोबल हो ऐसा, कायरता कभी न लाएं हम ।।
3. यश-लोलुपता, पद-लोलुपता, न सताए कभी विकार-व्यथा ।
निष्काम स्व-पर कल्याण काम, निज पल-पल सफल बनाएं हम ।।
4. गुरुदेव-शरण में लीन रहें, निर्भीक धर्म की बाट बहें ।
अविचल दिल सत्य, अहिंसा का, दुनिया को सुपथ दिखाएं हम ।।
5. प्राणी-प्राणी सह मैत्री हो, ईर्ष्या, मत्सर, अभिमान ना हो ।
कहनी-करनी इकसार बना, 'तुलसी' तेरा पथ पाएं हम ।।
October 01,2022 / 7:14 PM
428 / 0
744 / 0
1140 / 0
284 / 0
550 / 0
203 / 0
269 / 0
470 / 0
6027 / 0
885 / 0
689 / 0
300 / 0
231 / 0
186 / 0
185 / 0
213 / 0
185 / 0
245 / 0
249 / 0
213 / 0
313 / 0
246 / 0
207 / 0
236 / 0
213 / 0
674 / 0
1672 / 0
264 / 0
1878 / 0
295 / 0
308 / 0
332 / 0
1007 / 0
997 / 0
374 / 0
1181 / 0
302 / 0
409 / 0
597 / 0
344 / 0
318 / 0
2160 / 0
458 / 0
873 / 0
7379 / 0
3168 / 0
776 / 0
1223 / 0
489 / 0
426 / 0
369 / 0
414 / 0
370 / 0
574 / 0
417 / 0
558 / 0
868 / 0
428 / 0
744 / 0
1140 / 0
284 / 0
550 / 0
203 / 0
269 / 0
470 / 0
6027 / 0
885 / 0
689 / 0
300 / 0
231 / 0
186 / 0
185 / 0
213 / 0
185 / 0
245 / 0
249 / 0
213 / 0
313 / 0
246 / 0
207 / 0
236 / 0
213 / 0
674 / 0
1672 / 0
264 / 0
1878 / 0
295 / 0
308 / 0
332 / 0
1007 / 0
997 / 0
374 / 0
1181 / 0
302 / 0
409 / 0
597 / 0
344 / 0
318 / 0
2160 / 0
458 / 0
873 / 0
7379 / 0
3168 / 0
776 / 0
1223 / 0
489 / 0
426 / 0
369 / 0
414 / 0
370 / 0
574 / 0
417 / 0
558 / 0
868 / 0