तपसी रेे घर बाग खिल्यो
तपसी रेे घर बाग खिल्यो, अन्तर मन रो सपन फल्यो,
तपसी नेे अब दर्शण देवण, आओ म्हारा स्वामीजी |
थे ही अन्तर्यामी जी, तप है मंगलकारी जी ॥
पाप-ताप सब नाश करेे जीवन में उल्लास भरेे,
तपसी रो विश्वास जगावण, आओ म्हारा स्वामीजी |
तप है मंगलकारी जी ॥
तन री ममता त्यागेे तपसी, मन में समता राखेे तपसी,
तपसी - जी रा भाव बढ़ावण, आओ म्हारा स्वामीजी ।
तप है मंगलकारी जी ॥
होळेे होलै चालै तपसी, मीठो मीठो बोलेे तपसी,
तप री उजळी ज्योत जलावण, आओ म्हारा स्वामीजी |
तप है मंगलकारी जी ॥
घर - घर में लागी रंग रजियां, गूंज उठी गीतां स्यूं गठियां,
तपसी नै अमृत - रस पावण, आओ म्हारा स्वामीजी |
तप है मंगलकारी जी ॥
तपस्या री फुलवारी लागी, तपसी री पुनवानी जागी,
आई जनता बधावण,
आओ म्हारा स्वामीजी |
आज तप है मंगलकारी जी ॥
December 28,2022 / 11:21 PM
428 / 0
744 / 0
1140 / 0
284 / 0
550 / 0
203 / 0
269 / 0
470 / 0
6027 / 0
885 / 0
689 / 0
300 / 0
231 / 0
186 / 0
185 / 0
213 / 0
185 / 0
245 / 0
249 / 0
213 / 0
313 / 0
246 / 0
207 / 0
236 / 0
213 / 0
674 / 0
1672 / 0
264 / 0
1878 / 0
294 / 0
308 / 0
331 / 0
1007 / 0
997 / 0
374 / 0
1181 / 0
302 / 0
409 / 0
596 / 0
344 / 0
318 / 0
2160 / 0
458 / 0
873 / 0
7378 / 0
3168 / 0
776 / 0
1223 / 0
489 / 0
426 / 0
369 / 0
414 / 0
370 / 0
574 / 0
417 / 0
558 / 0
867 / 0
428 / 0
744 / 0
1140 / 0
284 / 0
550 / 0
203 / 0
269 / 0
470 / 0
6027 / 0
885 / 0
689 / 0
300 / 0
231 / 0
186 / 0
185 / 0
213 / 0
185 / 0
245 / 0
249 / 0
213 / 0
313 / 0
246 / 0
207 / 0
236 / 0
213 / 0
674 / 0
1672 / 0
264 / 0
1878 / 0
294 / 0
308 / 0
331 / 0
1007 / 0
997 / 0
374 / 0
1181 / 0
302 / 0
409 / 0
596 / 0
344 / 0
318 / 0
2160 / 0
458 / 0
873 / 0
7378 / 0
3168 / 0
776 / 0
1223 / 0
489 / 0
426 / 0
369 / 0
414 / 0
370 / 0
574 / 0
417 / 0
558 / 0
867 / 0